Sunday 3 July 2016

Article : Zero set - The easiest way to avoid injury


जीरो सैट वह सैट है जो हमें हर व्यायाम से पहले थोड़े हल्के भार के साथ 5-6 रेपिटिशन से करना चाहिए | अगर हमें किसी व्यायाम जैसे कि बैंच प्रैस के 3 सैट लगाते हैं तो जीरो सैट पहले सैट से पहले करना चाहिए जिसे हम गिनती में न लाये और अपनी मांसपेशियां स्पैसिफिक बर्मिंग – अप करवाएं और साथ – साथ मानसिक तौर पर बी कुछ व्यायाम में हिस्सा लेने वाले जोड़ , लिगामेंट , मांसपेशियां व् शरीर की विभिन नसों को इस व्यायाम के भरी सैट्स के लिए तैयार करना होता है | उदाहरण के तौर पर अगर आप बैंच प्रैस में पहले सैट में 60 किलो उठाने वालें हैं तो आपको 30-40 किलो भार डालकर एक हल्का सैट 5 से 6 रेपिटिशन वाला करें और उसके बाद कुछ आराम लेकर आप सैट नंबर 1 पूरी ताकत से करें | ऐसा करना से आप जो सैट पूर्णतया लाभप्रद होगा तथा आपकी मांसपेशियां आगे होने बाले भारी वजन को उठाने लायक हो जाएंगी|
हर बार और हर व्यायाम से पहले जीरो सैट करना अति आवश्यक हैं क्योंकि हम मांसपेशियां को विभिन व्यायामों दवारा विभिन कोनों से व्यायाम देते हैं और इसी कारण अगर हम ठीक से वर्म – अप या व्यायाम की मूवमैंट नहीं कर पातें तो असली सैट में भारी वजन उठाने में कभी हमारी मांसपेशियां में , जोड़ों में तनाव आ सकता है |इस प्रकार जैसे कि प्लेन बैंच प्रैस के बाद इनक्लाईड बैंच प्रैस करते हैं या डिकलाइंड बैंच प्रैस करते हैं तो हमें इन व्यायामों में भी असली भारी सैट लगाने से पहले जीरो सैट लगाना चाहिए अन्यथा कभी भी या कोई भी चैंपियंस का अनुसरण करने वाला चोटिल हो सकता है | इसी तरह स्कवैट करने से पहले जीरो सैट करें और पूरी स्कवैट करने के बाद लैग प्रैस , लैग कर्ल , लैग एक्सटेंशन इत्यादि व्यायामों से पहले जीरो सैट लगाना अति आवश्यक है |इसी प्रकार बारबैल कर्ल करने के बाद परीचर कर्ल , थमज – अप कर्ल इत्यादि छोटे व्यायामों से पहले भी जीरो सैट लगांए तो इंजरी होने का खतरा कम हो जाता है |
जीरो सैट का मतलब कि हमें शारीरिक , मानसिक तथा आत्मिक तौर पर अपने शरीर को उस खास व्यायाम को करने के लिए तैयार करना होता है तथा विभिन उस किर्या में काम आने वाले जोड़ , हडिड्यां व् मांसपेशियां को आगे आने वाले भारी लोड के लिए तैयार करना होता है | ऐसा करने से मांसपेशियां में एकदम से खून का रिसाब नहीं होता और न ही हम पुरे जोर से यह सैट लगाते हैं जिससे एक तरह से तैयारी हो जाती है कि हम बिना चोट लगे भारी से व्यायाम करते जाएं और हमारी मांसपेशियां बिना चोटल हुए मजबूत और ताकतवर व् आकार में बड़ी होती जाएं |

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